हरिद्वार का कुशावर्त घाट - Kushavarta Ghat Haridwar in Hindi

सभी पाठकों को हमारा नमस्कार। आज हम अपने इस लेख के जरिये आपको हरिद्वार में स्थित हरिद्वार का कुशावर्त घाट की सैर कराएँगे साथ ही यहाँ की संपूर्ण जानकारी भी आपके साथ साँझा करेंगे |

हरिद्वार का कुशावर्त घाट - Kushavarta Ghat Haridwar in Hindi

हरिद्वार का कुशावर्त घाट - Kushavarta Ghat Haridwar in Hindi :

  • हरिद्वार का कुशावर्त घाट एक बेहद पवित्रतम स्थल है। इसके इतिहास के संदर्भ में बात करें तो इसका निर्माण मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। कुशावर्त घाट के संदर्भ में कई लोकप्रिय तथा पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। कुशावर्त घाट विष्णु घाट के नजदीक ही स्थित है। प्रिय जनों की आत्मा की शांति हेतु पर्यटक यहां पर आया करते हैं। 

कुशावर्त घाट से संबंधित पौराणिक मान्यताएं - Puranic Tales of Kushavarta Ghat Haridwar in Hindi :

  • कुशावर्त घाट के संदर्भ में कई पौराणिक एवं मिथकीय कथाएं प्रचलित हैं। एक लोक प्रिय कथा संत दत्तात्रेय की है। ऐसा माना जाता है कि संत दत्तात्रेय का कमंडल गंगा नदी में बह गया था, उसके बाद स्वयं गंगा मैया उनका कमंडल उठाने आई थी। 
  • संत दत्तात्रेय के संदर्भ में कुशावर्त घाट की एक और मान्यता प्रचलित है। यह माना जाता है कि संत दत्तात्रेय ने यहां पर ध्यान लगाया था। एक पैर पर खड़े होकर उन्होंने हजार सालों तक तपस्या की थी। 
  • इन सब के अतिरिक्त इस घाट का उल्लेख ब्रह्म और शिव पुराण में भी मिलता है। इस घाट के संदर्भ में एक और मान्यता प्रचलित है, माना जाता है कि आदिकाल में यहां पर कुशा के घने पौधे थे इसीलिए इस घाट का नाम कुशावर्त घाट रखा गया।

कुशावर्त घाट पर धार्मिक अनुष्ठान - Religious Traditions of Kushavarta Ghat Haridwar in Hindi :

  • कुशावर्त घाट में जाने का मूल उद्देश्य परिजनों की आत्मा की शांति है। लोग यहां पर अपने प्रिय जनों की आत्मा की शांति हेतु श्राद्ध करवाते हैं। इस घाट का माहौल आध्यात्मिक होता है। इस घाट पर एक मनोरम शांति की अनुभूति होती है।

कुशावर्त घाट के संदर्भ में सामान्य जानकारी - Common Information About kushawart Ghat : 

  • कुशावर्त घाट मोती बाजार रोड विष्णु घाट पर स्थित है। घाट के लिए 1 घंटे का समय पर्याप्त है। हर की पौड़ी से यह 500 मीटर की दूरी पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए महज 9 मिनट का समय लगता है।