नासिक घूमने की संपूर्ण जानकारी - Nashik Tourism

नासिक भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक धार्मिक हिंदू शहर है जो हर 12 साल में  होने वाले कुंभ मेले की मेजबानी करता है | नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है जिसका नाम रामायण से जुड़ा हुआ है |

नासिक घूमने की संपूर्ण जानकारी - Nashik Tourism

नासिक घूमने की संपूर्ण जानकारी Top 10 Tourist Place Visit in Nashik in Hindi

मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में इस लेख में हम नासिक  घूमने की संपूर्ण जानकारी देंगे अतः आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें तथा कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट भी लिखें कि मेरा आर्टिकल आपको कैसा लगा |

नासिक में घूमने की जगह - Tourist place in Nashik in Hindi :

  • इस शहर में बहुत सारे मंदिर हैं जो आने वाले पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं| नासिक हर साल भारी संख्या में पर्यटक आते हैं यहां पर सावन में मौसम बहुत ही अद्भुत होता है आप  बिल्कुल मंत्रमुग्ध हो जाएंगे | 

  • नासिक में 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग त्रंबकेश्वर है तथा नासिक के निकट ही औरंगाबाद में 1 ज्योतिर्लिंग घृष्णेश्वर है  तथा नासिक से 80 किलोमीटर की दूरी पर शिर्डी है  इन तीनों  स्थान का दर्शन करने के लिए पर्यटक आते हैं |
  • नासिक में मंदिरों के अलावा यहां पर अंगूर तथा अनार बहुत सस्ता मिलते हैं यहां पर सुला वाइन है जिसमें शराब बनती है  आप यहां पर घूम सकते है| नासिक में रेलवे स्टेशन से लेकर  नासिक में कहीं भी  किसमिस की बहुत सारी वैरायटी मिलती है | 

नासिक का इतिहास - History of Nashik in Hindi :

  • 16 वीं शताब्दी में नासिक पर मुगलों द्वारा शासन किया गया था, इस मुगल काल के दौरान नासिक शहर को गुलशन बाद के नाम से जाना जाता था |नासिक सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी | नासिक का इतिहास बहुत ही पुराना है इस शहर का नाम तब से लिया गया है जब भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने रावण की बहन सुपनखा की नाक काट दी थी |पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि राम सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष वनवास के समय नासिक के पंचवटी में रहने का लिए उपयोग किया था|जिसकी वजह से यह शहर बहुत प्रसिद्ध है| स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर तथा अनंत लक्ष्मण खरे नासिक से ही थे |

नासिक में घूमने के पर्यटक स्थल - 10 Best tourist place in Nashik in Hindi :

  • नासिक में मंदिर से लेकर मस्ती करने वाले स्थानों तक का सभी पर्यटक स्थलों का वर्णन हम कर रहे हैं अतः आपसे अनुरोध है कि पूरा अंत तक पढ़े|
  1. शिवलिंग त्रंबकेश्वर महादेव
  2. सुला वाइन यार्ड नासिक
  3. पांडव लेनी गुफाएं नासिक
  4. मुक्तिधाम मंदिर नासिक
  5. अंजनेरी पर्वत नासिक
  6. सीता गुफा पंचवटी नासिक
  7. सिक्का संग्रहालय नासिक
  8. सप्तश्रृंगी नासिक
  9. कालाराम मंदिर नासिक
  10. तोपखाना केंद्र नासिक
  11. राम कुंड नासिक 

 1. नासिक के धार्मिक स्थल त्रंबकेश्वर मंदिर - Trimbakeshwar Shiva Temple Nashik in Hindi :

  • त्रंबकेश्वर भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है| यह 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है |यह नासिक रेलवे स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है तथा गोदावरी नदी के किनारे स्थित है |इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी अर्थात नाना साहब पेशवा ने करवाया था |इस ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है इस मंदिर  के गड्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग सटे हुए हैं , जिसे ब्रह्मा ,विष्णु और महेश का प्रतीक माना गया है|अन्य सभी ज्योतिर्लिंग में केवल भगवान शिव ही विराजित हैं |ज्योतिर्लिंग ब्रम्हगिरी पर्वत के नजदीक ही है ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के बाद आप ब्रम्हगिरी पर्वत पर जा सकते हैं जहां से गोदावरी का उद्गम स्थान है |

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार  प्राचीन काल में यह स्थान गौतम ऋषि की तपोभूमि थी उनके ऊपर लगे गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए गौतम ऋषि ने कठोर तपस्या की उसके बाद भगवान शिव से गंगा को यहां अवतरित करने का वरदान मांगा इसके बाद दक्षिण की गंगा अर्थात “गोदावरी नदी” का उद्गम हुआ | गोदावरी का उद्गम के साथ ही गौतम ऋषि के  निवेदन के बाद भगवान भोलेनाथ ने इस मंदिर में विराजमान होना स्वीकार कर लिया | तीन नेत्र वाले शिव शंभू के यहां विराजमान होने के कारण इस जगह को त्रंबकेश्वर कहा गया |

  • मेरे प्रिय पर्यटक आप एक बार जरूर जाइए ब्रम्हगिरी पर्वत पर और पर्वत का भ्रमण कीजिए यहां पर बंदर बहुत सारे हैं और उनसे सावधान रहिए | ब्रह्मगिरि पर्वत के समीप बहुत सारे लोकल गाइड मिल जाते हैं उनको आप जरूर ले लेना क्योंकि यह लोग आपको बंदरों से बचाएंगे और आपकी सुरक्षा करेंगे आप जरूर गाइड को ले लीजिएगा | 

2. नासिक के पर्यटक स्थल सुला वाइनयार्ड - Sula Vineyards Nashik in Hindi :

  • जिस प्रकार नागपुर संतरा के लिए जाना जाता है उसी प्रकार नासिक अंगूर के लिए भी जाना जाता है | नासिक में अंगूर उत्पादन होने के कारण यहां पर सुला वाइनयार्ड स्थित है |यह भारत की सबसे अच्छा वायनरी उत्पादन केंद्र है | सुला की कुल उत्पादन क्षमता 5 लाख लीटर से अधिक है |यहां पर शराब को चखने का कमरा है जो विभिन्न पर्यटक यहां की शराब स्वाद लेते हैं उसके बाद फिर खरीदते हैं |यहां पर पर्यटकों को शराब बनाने की संपूर्ण विधि को ही बताती हैं |अगर आप शराब के शौकीन हैं तो यहां पर जरूर जाइए मजा आ जाएगा | 

 कहां है सुला वाइनयार्ड - Location of sulavineyards

  • नासिक शहर से 14 किलोमीटर की दूरी  डिंडोरी गांव में सुला वाइन यार्ड स्थित है| हरे-भरे पहाड़ों और सुंदर झील से गिराया गांव बेहद खूबसूरत दिखता है इस गांव में देश का सबसे मशहूर सुला वाइन यार्ड स्थित है इस वाइन यार्ड के मालिक राजीव सामंत हैं | इस समय यहां पर हर रोज 8 से 9 हजार टन के अंगूरों को क्रश करके वाइन बनाई जाती है| इन अंगूरों को इटालियन  प्रेस में क्रश करके वाइट और रेड वाइन तैयार किया जाता है| इस वाइन की बिक्री बल्कि भारत में ही नहीं दूसरे देशों में भी की जाती है |

3.नासिक में पांडव लेनी गुफाएं - Pandavleni Caves Nashik in Hindi :

  • नासिक की गुफाएं या पांडवलेनी की गुफा 20 से अधिक सदियों पुरानी है | गुफाओं की संख्या 24 है कुल और यह जैन राजाओं द्वारा निर्मित मानी जाती हैं| जैन संत अंबिका देवी और तीर्थंकर ऋषभदेव यहां रहते थे| जैन शिलालेख और कलाकृतियों के अलावा यहां भगवान बुद्ध की मूर्तियों को भी देखा जा सकता है|नासिक से पांडव लेनी गुफा की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है| 24 गुफाओं के समूह को त्रिरस्मी  नामक पहाड़ी के उत्तर  चेहरे पर एक लंबी लाइन में कटा गया है|यह गुफाएं महाराष्ट्र की सबसे पुरानी गुफा में से गुफाएं एक हैं।

4. नासिक के दर्शनीय स्थल मुक्तिधाम मंदिर - Muktidham Temple Nashik in Hindi:

  • मुक्तिधाम मंदिर नासिक शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर राजस्थान के सफेद संगमरमर से बनाया गया है जो अपनी विशिष्ट वास्तुकला के लिए आकर्षण का केंद्र हैं मुक्तिधाम मंदिर में सभी 12 ज्योतिर्लिंग की प्रतिलिपि है जिसकी वजह से यह मंदिर बहुत पवित्र माना गया है इस मंदिर की दीवारों पर भागवत गीता के श्लोक लिखे गए हैं | इस मंदिर का निर्माण सन 1971 में किया गया था| 

5. सीता गुफा -पंचवटी नासिक - Sita Gufaa Panchvati Nashik in Hindi:

  • गोदावरी नदी के दक्षिण तट पर स्थित नगर के मुख्य भाग को नासिक कहा जाता है तथा गोदावरी के उत्तर तट पर स्थित भाग को पंचवटी कहा जाता है |पूरा पंचवटी लगभग 5 किलोमीटर की दूरी में फैला हुआ है | पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यहां पर भगवान राम ,लक्ष्मण और सीता अपने 14 वर्ष वनवास के समय पंचवटी में अपना कुछ समय बिताया था |इस जगह को पंचवटी इसलिए बोला जाता है कि यहां पर पांच बरगद के पेड़ आसपास हैं इन्हीं के नाम पर पंचवटी रखा गया है |यह प्राचीन 5 बरगद के पेड़ सीता गुफा के आसपास चिन्हित है | सीता गुफा इसी पंचवटी क्षेत्र के अंतर्गत आता है |

  • सीता गुफा बहुत बड़ा तो नहीं है, यह छोटा गुफा है पर सीता गुफा आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है क्योंकि सीता मैया ने यहां पर तपस्या वनवास के समय में की थी |मेरे प्रिय पाठक जो लोग मोटे हैं या जिनको सांस की बीमारी है  या जिनका दम घुटता है वह लोग बहुत सावधानी से इस गुफा में प्रवेश करें क्योंकि यह गुफा बहुत सकरा है | 

सीता गुफा की कहानी :

  • भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने रावण की बहन सुपनखा का जब नाक काट दिया था  तब 10 हजार राक्षस  भगवान राम और लक्ष्मण से लड़ने आए थे |उस समय पंचवटी एक घने जंगल में था इसलिए मां सीता राम और लक्ष्मण को छुपाने के लिए एक रात में यह गुफा बनाया गया था |इस गुफा के पहचान के लिए इसके आसपास 5 बरगद के पेड़ लगाए गए इसलिए इस क्षेत्र को पंचवटी कहा गया |

6. नासिक में घूमने की जगह सिक्का संग्रहालय - Coin Museum Nashik in Hindi:

  • नासिक का सिक्का संग्रहालय एशिया में अपनी तरह केवल एक ही सिक्का संग्रहालय है जो कि भारतीय न्यूमिज़माटिक अध्ययन रिसर्च संस्थान द्वारा 1980 में शुरू किया गया था |यह अंजनेरी की खूबसूरत पहाड़ियों पर स्थित है

7. नासिक के दर्शनीय स्थल सप्तश्रृंगी - Saptashrungi Nashik in Hindi:

  • सप्तश्रंगी  मंदिर 108 शक्ति पीठ में से एक शक्तिपीठ है | यह जगह बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि सती - भगवान शिव की पत्नी के शरीर को ले जाते समय उनके अंग इस स्थान पर गिरे थे |पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ,सीता और लक्ष्मण अपने 14 वर्ष वनवास के समय यहां पर देवी का आशीर्वाद लेने आए थे | 

8. नासिक के धार्मिक स्थल कालाराम मंदिर - Kalaram Mandir Nashik in Hindi:

  • कालाराम मंदिर भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में पंचवटी के निकट स्थित है| यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर है |इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित है |या मंदिर हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी है |इस मंदिर के अंदर भगवान राम के साथ सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां भी है |यह मंदिर 70 फुट लंबा है तथा इसका शिखर तांबे का बना है| जिस पर सोना चढ़ाया गया है |

9. नासिक में घूमने की जगह तोपखाना केंद्र - Artillery Centre Nashik in Hindi :

  • नासिक में स्थित पांडवलेनी गुफा के पीछे एशिया का सबसे बड़ा तोपखाना केंद्र है |कहा जाता है कि आजादी के समय इसे पाकिस्तान से नासिक लाया गया था |इस स्थान पर सैनिकों को कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया गया था |

10. नासिक के धार्मिक स्थल रामकुंड नासिक - Ramkund Nashik in Hindi

  • रामकुंड महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है रामकुंड अपने आप में एक बहुत बड़ा धार्मिक महत्व रखता है पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इस कुंड में भगवान राम ने अपने वनवास के समय यहां के पानी से स्नान किया था | जिसकी वजह से इसका नाम रामकुंड पड़ गया | राम कुंड के पीछे सीता कुंड स्थित है जिसे अहिल्या कुंड भी कहा जाता है उसके दक्षिण में 2 मुख वाले हनुमान जी की प्रतिमा है उसके सामने हनुमान कुंड है आगे दशाश्वमेध तीर्थ है |

  • गोदावरी नदी का उद्गम तो त्रंबकेश्वर के पास है लेकिन श्रद्धालु पंचवटी में गोदावरी में    स्नान करते हैं| गोदावरी में कई कुंड बनाए गए हैं जिनको बहुत ही तीर्थ माना जाता है यहां पर राम कुंड ,सीता कुंड ,लक्ष्मण कुंड, धनुष कुंड इत्यादि तीर्थ स्थान है |लेकिन इन सबमें सबसे मुख्य रामकुंड है |यहां पर श्रद्धालु मुंडन कराकर पितरों का श्राद्धकर कराते हैं |रामकुंड के दक्षिण में अस्थिविलय तीर्थ है जहां पर मृतक लोगों की अस्थियां डाली जाती है|

नासिक जाने के लिए सबसे अच्छा समय - Best Time To Visit Nashik in Hindi:

  • मेरे प्रिय पर्यटक आप अगर नासिक घूमने जाना चाहते हैं तो आप अगर सावन में जाएंगे तो यहां का मौसम बहुत ही अद्भुत होगा इन बारिशों के बीच यहां के पहाड़ इतनी खूबसूरत लगेंगे की आपका मन करेगा कि यही दिन बताएं |सावन में यहां सब कुछ हरा भरा दिखेगा| सावन में आएंगे तो त्रंबकेश्वर महादेव का दर्शन सावन में ज्यादा अच्छा माना जाता है | 

  • अगर आप अक्टूबर से फरवरी के बीच जाएंगे तो यहां पर बारिश नहीं होगा लेकिन हल्की हल्की ठंडी हो रहेगी नासिक का वातावरण बहुत ही अच्छा है शांत माहौल है | फरवरी-मार्च अप्रैल में जाएंगे तो यहां पर अंगूर का मजा ले सकते हैं | 

नासिक में रेस्तरां और स्थानीय भोजन - Restaurants And Local Food in Nashik in Hindi:

  • नासिक के रेस्टोरेंट में कई तरह के महाराष्ट्रीयन गुजराती तथा पंजाबी से लेकर दक्षिण और उत्तर भारत के सभी व्यंजन आसानी से मिल जाएंगे |कुछ स्पेशल जगह है जहां पर आप एंजॉयमेंट कर सकते हैं इस प्रकार हैं- 

चाइना टाउन नासिक - China Town Nashik:

  • यहां पर सभी प्रकार के चाइनीस डिश मिलता है तथा यहां बैठकर सभी ब्रांड के शराब पी सकते हैं |इसके रेट कुछ 300- 400 रुपय में चाइनीस डिश अनलिमिटेड कोई भी खा सकते हैं| शराब का यहां पर अलग से बिल देना होगा | 
  • आप गूगल पर सर्च करिए चाइना टाउन नासिक वहां से आपको पता मिल जाएगा और मोबाइल नंबर अब फोन करके पूछ लीजिए सब कुछ कि क्या क्या यहां पर सुविधाएं हैं |

बार्बी क्यू नेशन - Barbeque Nation Nashik:

  • बार्बी क्यू नेशन में आप अनलिमिटेड वेज और नॉनवेज खा सकते हैं इसके अलावा यहां पर स्टार्टर है आप सभी डिस्को ट्राई करिए अगर आप  बार्बी क्यू नेशन में पहली बार जा रहे हैं तो आप बेटर से पूछ लो कि आपको इस प्राइस में क्या-क्या मिलेगा |यहां पर शराब नहीं पी सकते सख्त मना है | इसका रेट ₹700 से लेकर 800 तक पर प्लेट है अनलिमिटेड का हर दिन का अलग अलग रहता है आप गूगल पर सर्च करिए उनके दिए गए फोन नंबर पर आप कॉल करिए और सीट बुक करिए बस आपको एक बात ध्यान रखना है कि यहां पर आपको शाम 7:00 बजे तक पहुंच जाना है|

 नासिक कैसे पहुंचे हैं - How To Reach Nashik in Hindi:

  • नासिक महाराष्ट्र का प्रमुख शहर है यहां पर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग रेल मार्ग तथा हवाई मार्ग में से अपने सुविधानुसार कोई सा भी चॉइस कर सकते हैं |

 बस से नासिक कैसे पहुंचे - How To Reach Nashik By Bus in Hindi

  • अगर आप नजदीक से आ रहे हैं जिसकी दूरी लगभग 600-700 किलोमीटर है तो आप बस की यात्रा कर सकते हैं | इससे ज्यादा दूरी बस से  यात्रा करना कष्टदायक होगा | नासिक सभी स्थानों  से कनेक्टिविटी अच्छी है| आप अपने वाहनों के द्वारा भी आ सकते हैं |

 ट्रेन से नासिक कैसे पहुंचे - How To Reach Nashik By Train in Hindi:

  • नासिक रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो ट्रेन की समय सारणी अपने रेलवे स्टेशन से देख लीजिए|  अगर आपको नासिक के लिए कोई ट्रेन नहीं मिल रहा है तो आप मुंबई आ सकते हैं मुंबई से नासिक 166 किलोमीटर है यह दूरी आप बस या ट्रेन के द्वारा कर सकते हैं |

हवाई जहाज से नासिक कैसे पहुंचे - How To Reach Nashik By Airplane in Hindi:

  • नासिक में कोई एयरपोर्ट नहीं है इसका सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मुंबई छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है | मुंबई आकर आप बस या ट्रेन के द्वारा नासिक आ सकते हैं | मुंबई का एयरपोर्ट भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह कनेक्टिविटी है | 

यात्रियों के लिए टिप्स - Tips For Tourist:

  • नासिक के सभी पर्यटक स्थल को अच्छे से घूमना है तो 2 दिन एक रात की जरूरत है इसके बाद आप शिरडी दर्शन करने जा सकते हैं या फिर औरंगाबाद घूमने आ सकते हैं |

  • अगर आप 1 दिन का प्लान किए हैं सिर्फ को जो मुख्य पर्यटक स्थल है आप वहां पर भ्रमण कीजिए |
  • अगर आप लोग ग्रुप में आए हैं नासिक दर्शन करने के लिए तो रेलवे स्टेशन के बाहर आइए यहां बहुत सारे गाड़ी वाले मिल जाएंगे किसी भी गाड़ी को आप बुक कर लीजिए जो आपको नासिक के पर्यटक स्थल को घुमा सके बस एक सावधानी रखिएगा कि आप किसी दलाल से संपर्क में मत आइएगा आप सीधे बाहर आओ और गाड़ी वालों से सीधे बात करो तो आपका पैसा का बचत हो जाएगा  तथा पैसा एडवांस किसी को मत देना आप लोग |
  • जवाब नासिक रेलवे स्टेशन से बाहर निकलोगे तो वहीं पर कई सारे दलाल मिल जाएंगे वह बोलेंगे कि मेरी गाड़ी है लेकिन अब उन पर भरोसा मत करना आप रेलवे स्टेशन से बाहर बस स्टैंड की तरफ आओ यहां पर कई सारे मिल जाएंगे गाड़ी वाले |
  • नासिक सबसे पहले आप त्रंबकेश्वर महादेव का दर्शन कीजिए फिर उसके बाद बाकी जगहों पर आप भ्रमण कीजिए | सोमवार के दिन त्रंबकेश्वर महादेव बहुत भीड़ रहता है सावन के समय में |  त्रंबकेश्वर महादेव सावन को छोड़कर किसी भी समय अगर जाएंगे तो वहां भीड़ कम होगी और दर्शन जल्दी हो जाएगा लेकिन सावन में बहुत भीड़ होती है| त्रंबकेश्वर दर्शन करने के बाद आप ब्रम्हगिरी पर्वत पर जा सकते हैं घूमने के लिए |इसके बाद अन्य जगहों पर आप घूमने जाएं |
  • अगर आप ब्रम्हगिरी पर्वत घूमने जा रहे हैं तो वहां के लिए आप एक गाइड जरूर कर लेना एक गाइड आपको वहीं पास में मिल जाएगा यहां पर बंदर बहुत सारे हैं उनको खाने के लिए कुछ आप ले सकते हैं अपनी श्रद्धा के अनुसार ब्रह्मगिरि पर्वत को अच्छे से घूमने के लिए लगभग 3 घंटे लगेंगे |